मैदागिन चौराहे का मन्दिर : स्व० श्रीलाल बहादुर जैन ने यहाँ एक भव्य मन्दिर के साथ-साथ धर्मशाला भी बनवाई, जहाँ सन् 1949 ई० में आचार्य श्री 108 देशभूषण जी महाराज. सन् 1979 ई० में आचार्य श्री आर्यनन्दी, सन् 1988 ई० में आचार्य श्री 108 नेमिसागर एवं सन् 1999 ई० में आचार्य श्री 108 चैत्य सागर ने चौमासा किया था. यहाँ के मानस्तम्भ की नींव आचार्य चैत्यसागरजी के चौमासे में ही रखी गई थी, जिसको प्रतिष्ठा आचार्य वासुपूज्य सागरजी के चौमासे में सम्पन्न हुई.
श्री बिहारी लाल दिगंबर जैन मंदिर, मैदागिन, वाराणसी – यह मंदिर वाराणसी के प्रसिद्ध और प्राचीन जैन तीर्थस्थलों में से एक है। इसका धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है।
मंदिर की विशेषताएँ:
- स्थान: मैदागिन, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
मुख्य आराध्य: भगवान आदिनाथ (प्रथम तीर्थंकर)
अन्य मूर्तियाँ: भगवान महावीर स्वामी, भगवान पार्श्वनाथ आदि की भी भव्य प्रतिमाएँ।
प्राचीनता: मंदिर का इतिहास कई शताब्दियों पुराना है और यह वाराणसी के प्रमुख दिगंबर जैन मंदिरों में गिना जाता है।
मंदिर में सेवाएँ:
- प्रतिदिन पूजा, अभिषेक और आरती की जाती है।
- जैन पर्वों पर विशेष कार्यक्रम – जैसे महावीर जयंती, पार्शनाथ जयंती, पर्युषण पर्व, दीपावली पर निर्वाण लाडू आराधना आदि।
- ध्यान एवं स्वाध्याय के लिए एक शांत वातावरण।
- यात्रियों के ठहरने हेतु धर्मशाला की सुविधा।